।। जय माता दी ।।
।। श्री दुर्गा जी की आरती हिंदी में ।।
।। SHRI DURGA JI KI AARTI IN HINDI LYRICS ।।
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श्री दुर्गा जी की आरती हिंदी में ।। SHRI DURGA JI KI AARTI IN HINDI LYRICS :- हिन्दू धर्म में माँ दुर्गा को आदिशक्ति के रूप में भी जाना जाता है और माँ दुर्गा को बहुत शक्तिशाली माना गया है। माँ दुर्गा की पूजा - आराधन करने से घर में सुख और शांति का वास होता है । श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करने से हर कार्य में सफलता मिलती है । यदि आप श्री दुर्गा चालीसा का पाठ पूरी श्रद्धा और नियमित रूप से करते है तो इसके बहुत ही सकारात्मक प्रभाव आपको जीवन में मिलते है।
श्री दुर्गा चालीसा का पाठ ना केवल नवरात्री के नौ दिनों बल्कि बाकि दिनों में भी किया जाता है । इससे माँ दुर्गा की असीम कृपा आप पर बनी रहती हैं । माँ दुर्गा आपके सारे दुःख दर्द दूर कर देती है। श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करने के लिए आपको किसी भी प्रकार के नियम की आवश्यकता नहीं है । इसका पाठ आप कभी भी कर सकते हो । इसके लिए केवल आपके मन में पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव होना चाहिए । मां दुर्गा को जल्द प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद सदैव अपने परिवार पर बनाएं रखने के लिए प्रत्येक मनुष्य को हर रोज या फिर विशेष तौर पर नवरात्र में श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए. मां की स्तुति के लिए शास्त्रों में भी चालीसा पाठ को सर्वोत्तम माना गया है. इसका पाठ करने से आपके सभी रुके हुए कार्य बनते नजर आयेंगे।
श्री दुर्गा चालीसा का पाठ ना केवल नवरात्री के नौ दिनों बल्कि बाकि दिनों में भी किया जाता है । इससे माँ दुर्गा की असीम कृपा आप पर बनी रहती हैं । माँ दुर्गा आपके सारे दुःख दर्द दूर कर देती है। श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करने के लिए आपको किसी भी प्रकार के नियम की आवश्यकता नहीं है । इसका पाठ आप कभी भी कर सकते हो । इसके लिए केवल आपके मन में पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव होना चाहिए । मां दुर्गा को जल्द प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद सदैव अपने परिवार पर बनाएं रखने के लिए प्रत्येक मनुष्य को हर रोज या फिर विशेष तौर पर नवरात्र में श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए. मां की स्तुति के लिए शास्त्रों में भी चालीसा पाठ को सर्वोत्तम माना गया है. इसका पाठ करने से आपके सभी रुके हुए कार्य बनते नजर आयेंगे।
।। श्री दुर्गा जी की आरती हिंदी में ।। SHRI DURGA JI KI AARTI IN HINDI LYRICS ।।
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जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥टेक॥
मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी
।। श्री दुर्गा जी की आरती हिंदी में ।। SHRI DURGA JI KI AARTI IN HINDI LYRICS ।।
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केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती।
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी
शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी
चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी
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भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती।
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी
श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।
कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी
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