।। श्री हनुमानजी की आरती हिंदी में ।। SHRI HANUMANJI KI AARTI IN HINDI LYRICS ।।

।।जय श्रीराम।।

।। श्री हनुमानजी की आरती हिंदी में ।।

।। SHRI HANUMANJI KI AARTI IN HINDI LYRICS ।।

श्री हनुमानजी की आरती हिंदी में , SHRI HANUMANJI KI AARTI IN HINDI LYRICS
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श्री हनुमानजी की आरती हिंदी में ।। SHRI HANUMANJI KI AARTI IN HINDI LYRICS :- आरती हिन्दू उपासना की एक विधि है। इसमें जलती हुई लौ या इसके समान कुछ खास वस्तुओं से आराध्य के सामने एक विशेष विधि से घुमाई जाती है। ये लौ घी या तेल के दीये की हो सकती है या कपूर की। इसमें वैकल्पिक रूप से, घी, धूप तथा सुगंधित पदार्थों को भी मिलाया जाता है। इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। हिंदू धर्म में अग्नि को शुद्ध माना गया है। पूजा के अंत में जलती हुई लौ को आराध्य देव के सामने एक विशेष विधि से घुमाया जाता है।  कई बार इसके साथ संगीत (भजन) तथा नृत्य भी होता है। मंदिरों में इसे प्रातः, सांय एवं रात्रि (शयन) में द्वार के बंद होने से पहले किया जाता है। प्राचीन काल में यह व्यापक पैमाने पर प्रयोग किया जाता था।
सामान्यतः पूजा के अंत में आराध्य भगवान की आरती करते हैं। आरती में कई सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है। इन सबका विशेष अर्थ होता है। ऐसी मान्यता है कि न केवल आरती करने, बल्कि इसमें सम्मिलित होने पर भी बहुत पुण्य मिलता है। किसी भी देवता की आरती करते समय उन्हें तीन बार पुष्प अर्पित करने चाहियें। इस बीच ढोल, नगाडे, घड़ियाल आदि भी बजाये जाते हैं। यह उपासक के हृदय में भक्ति दीप प्रज्वलित करने और ईश्वर का आशीर्वाद ग्रहण करने का सुलभ माध्यम है।
मंगलवार का दिन भगवान हनुमान का माना जाता है। हिंदू धर्म में पवन पुत्र अजंनी नंदन श्रीराम भक्त श्री हनुमान जी महाराज जो कि भगवान शिवजी का अवतार माने जाते है । कहा जाता है कि भगवान श्रीराम का अमर वरदान हैं हनुमान जी को जिनके ऊपर इनकी कृपा हो जाये तो उस भक्त के जीवन के सभी संकटों का नाश हो जाता हैं । मंगलवार के ही दिन जन्में अतुलित बल के धाम की कोई भक्त मंत्र जप करके उपासना करता हैं तो कोई चालीसा पढ़कर तो कोई उनकी आरती गाकर । लेकिन आप अपने जीवन में शत्रुओं से मुक्ति चाहते हैं तो भक्त शिरोमणी माने जाने वाले हनुमान जी का स्मरण करने मात्र से सभी डर दूर हो जाते हैं ।
इस दिन हिंदू धर्म के लोग बजरंग बली हनुमान की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। मंदिरों में हनुमान जी के दर्शन करने के लिए हर मंगलवार भक्तों का तांता लग जाता है। इस दिन हनुमान जी की मूर्ति को सिंदूर से रंगा जाता है। साथ ही मंदिरों में बूंदी के लड्डू बांटे जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार मंगलवार के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था। हनुमान जी की पूजा-अर्चना में उनकी आरती का बड़ा ही महत्व बताया गया हैं । ऐसा माना जाता है कि इस दिन इनकी पूजा से भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं लेकिन पूजा के समय भगवान हनुमान की इस आरती को उतारना न भूले।

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आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥

अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥

दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥

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लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥

लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥

लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥

पैठि पताल तोरि जाग कारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥

बाईं भुजा असुर संहारे ।
दाईं भुजा सब संत उबारें ॥

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सुर नर मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥

कचंन थाल कपूर की बाती ।
आरती करत अंजनी माई ॥

जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥

लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

॥ इति संपूर्णंम् ॥
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