।। श्री शनिदेव जी की आरती हिंदी में ।। SHRI SHANIDEV JI KI AARTI IN HINDI LYRICS ।।

।।ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।।

।। श्री शनिदेव जी की आरती हिंदी में ।। 

।। SHRI SHANIDEV JI KI AARTI IN HINDI LYRICS ।।

श्री शनिदेव जी की आरती हिंदी में , SHRI SHANIDEV JI KI AARTI IN HINDI LYRICS
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श्री शनिदेव जी की आरती हिंदी में ।। SHRI SHANIDEV JI KI AARTI IN HINDI LYRICS :- किसी भी देवी देवता की पूजा करने के बाद उनकी श्रद्धा पूर्वक आरती जरूर करनी चाहिए। सभी देवों की अलग-अलग आरती होती जिसे भगवान को प्रसन्न करने के लिए गाया जाता है। आरती हिन्दू धर्म की पूजा परंपरा का एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है। किसी भी पूजा पाठ, यज्ञ, अनुष्ठान के अंत में देवी-देवताओं की आरती की जाती है। आरती की प्रक्रिया में, एक थाल में दीप ज्योति और कुछ विशेष वस्तुएं रखकर भगवान की मुर्ति या फोटो के सामने श्रद्धा भाव पूर्वक घुमाया जाता है।
आरती हमेशा किसी पूजा उपासना, मंत्र जाप, प्रार्थना या भजन के बाद ही कि जा सकती है। हमेशा किसी पूजा या प्रार्थना की समाप्ति पर ही आरती करना श्रेष्ठ होता है। आरती की थाल में कपूर या घी के दीपक से  ज्योति प्रज्ज्वलित कर आरती की जाती है। अगर मंदिर में दीपक से आरती करें तो यह पंचमुखी दीपक होना चाहिए।
आरती करते समय आरती की थाल को  भगवान की मूर्ति या फोटो के सामने ॐ की आकृति बनाते हुए घुमाये। आरती को भगवान के चरणों में चार बार, नाभि में दो बार, मुख पर एक बार और सम्पूर्ण शरीर पर सात बार घुमाना चाहिए। आरती लेते समय दोनों हाथों को ज्योति के ऊपर घुमाकर नेत्रों पर और सर के मध्य भाग पर लगायें और अपने सर को हमेशा ढंका रखें। आरती लेने के बाद कम से कम पांच मिनट तक जल का स्पर्श नहीं करना चाहिए। आरती की थाल में दक्षिणा या अक्षत जरूर डालना चाहिए। कहा जाता है कि शनिदेव की आरती और भजनों का श्रद्धा पूर्वक गायन करने से शनि देव व्यक्ति की हर तरह की विपत्तियों से रक्षा करते हैं।
ग्रहों में शनिदेव को सबसे क्रूर ग्रह माना जाता है। शनिदेव का प्रभाव इतना व्यापक है कि शनिदेव की पीड़ा से लोगों में भय पैदा हो जाता है। शनिदेव अगर नाराज हों तो जिंदगी में भूचाल सा आ जाता है इसलिए शनिदेव को प्रसन्न करना बेहद जरूरी है।  शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिदेव जी की चालीसा और आरती करनी चाहिए। शनिवार को पड़ने वाली शनि अमावस्या के दिन शनिदेव की आरती का गायन करने से शनि महाराज तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं।

।। श्री शनिदेव जी की आरती हिंदी में ।। SHRI SHANIDEV JI KI AARTI IN HINDI LYRICS ।।

श्री शनिदेव जी की आरती हिंदी में , SHRI SHANIDEV JI KI AARTI IN HINDI LYRICS
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जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी।।
।। जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।।

श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
निलाम्बर धार नाथ गज की असवारी।।
।। जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।।

।। श्री शनिदेव जी की आरती हिंदी में ।। SHRI SHANIDEV JI KI AARTI IN HINDI LYRICS ।।

श्री शनिदेव जी की आरती हिंदी में , SHRI SHANIDEV JI KI AARTI IN HINDI LYRICS

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क्रीट मुकुट शीश सहज दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माल गले शोभित बलिहारी।।
।। जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।।

मोदक और मिष्ठान चढ़े, चढ़ती पान सुपारी।
लोहा, तिल, तेल, उड़द महिषी है अति प्यारी।।
।। जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।।

।। श्री शनिदेव जी की आरती हिंदी में ।। SHRI SHANIDEV JI KI AARTI IN HINDI LYRICS ।।

श्री शनिदेव जी की आरती हिंदी में , SHRI SHANIDEV JI KI AARTI IN HINDI LYRICS
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देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान हम हैं शरण तुम्हारी।।
।। जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।।

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