।। श्री बजरंग बाण हिंदी में ।। SHRI BAJRANG BAAN IN HINDI LYRICS ।।

।।जय श्रीराम।।

।। श्री बजरंग बाण हिंदी में ।।

।। SHRI BAJRANG BAAN IN HINDI LYRICS ।।

श्री बजरंग बाण हिंदी में , SHRI BAJRANG BAAN IN HINDI LYRICS
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श्री बजरंग बाण हिंदी में ।। SHRI BAJRANG BAAN IN HINDI LYRICS :- शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी ऐसे देवता हैं, जो इस पृथ्वी पर रहते हैं और अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। हनुमान जी को संकट मोचन कहा गया है। हनुमान जी का नाम स्मरण करने मात्र से ही भक्तो के सारे संकट दूर हो जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी का जन्म मंगलवार को हुआ था। इसलिए मंगलवार के दिन इनकी पूजा का विशेष महत्व है।
हनुमान जी को प्रसन्न करना बहुत सरल है। राह चलते उनका नाम स्मरण करने मात्र से ही सारे संकट दूर हो जाते हैं। हनुमान जी की कृपा पाने और सभी परेशानियों से छुटकारा पाने का एक अचूक उपाय है बजरंग बाण का पाठ। जो लोग हर रोज ये पाठ करते हैं, उन्हें जीवन के सभी सुख मिलते हैं, धन की प्राप्ति होती है, किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती और उनकी किस्मत का सितारा चमक जाता है।
कलयुग में सबसे चर्चित, प्रभावशाली व शीघ्र फल प्रदान करने वाले हनुमान जी है। संकट को हरने वाले हनुमान जी के अनेक रूप है। उनमें से एक है वज्र रूप। वज्र रूप वाले हनुमान जी को बजरंगबली कहा जाता है। बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए बजरंग बाण का पाठ करें। 
जब मनुष्य दुश्मनों से घिरा हुआ हो और चारों तरफ से निराश हो चुका हो तो उसे गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित ‘बजरंग बाण’ पूरी श्रद्धा व पवित्र मन से पढऩा चाहिए। इसके पढऩे से शरीर में हनुमान जी की शक्तियों का विकास होने लगता है और मन की संकल्प शक्ति में बढ़ौतरी होती है। इसे पढऩे से मनुष्य के मन से डर और भय खत्म हो जाता है। तांत्रिक क्षेत्रों में भी बजरंग बाण का विशेष महत्व है। शारीरिक रोग, घर में भूत-प्रेत की बाधाएं, मानसिक परेशानियां आदि से मुक्ति के लिए बजरंग बाण रामबाण की तरह है।
बजरंग बाण का नियमित पाठ करने से आत्म-विश्वास व साहस में वृद्धि होती है। यदि आप शत्रुओं व विरोधियों से बहुत परेशान है तो प्रत्येक मंगलवार को 11 बार बजरंग बाण का पाठ करें। ह्रदय रोगियों व ब्लड प्रेशर के रोगियों को बजरंग बाण का पाठ करने से स्वास्थ्य में विशेष लाभ होता है।
जो बच्चे कमजोर है या किसी को काम को करने से पहले डर से जाते है, उन्हें बजरंग बाण का पाठ करवाना चाहिए। बच्चों की नजर उतारने, शांत और गहरी निंद के लिए, रात को अकेले यात्रा करते समय भूत बाधा दूर करने तथा अकारण भय को दूर करने के लिए बजरंग बाण आश्चर्यजनक सफलता देता है। किसी भी महत्वपूर्ण कार्य पर जाने से पहले भी यदि इसका पाठ किया जाए तो उसे निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी। अगर हर कार्य में अड़गे लग रहे है तो शनिवार के दिन 21 बार बजरंग बाणका पाठ करने से फायदा होता है। अगर आप कहीं साक्षात्कार देने जा रहे है तो 5 बार बजरंग बाणका पाठ करके जाइये सफलता मिलेगी। यदि आपके व्यापार में निरंतर हानि हो रही है तो अपने व्यापार स्थल पर लगातार 8 मंगलवार बजरंग बाण का पाठ करें या किसी योग्य कर्मकाण्डी पंडित से करवायें। लाभ अवश्य मिलेगा।
जहां इसका हर रोज पाठ होता है उस घर में कभी कोई समस्या नहीं आती। पाठ करने वाले को चाहिए कि वह अपने सामने हनुमान जी का चित्र और यदि हनुमान यंत्र मिल सके तो उसे भी या चित्र या मूर्त रख ले और पूरी भावना तथा आत्मविश्वास के साथ उनका मन से ध्यान करे।
हनुमान साधना में हनुमान जी की मूर्त या चित्र के सामने तेल का दीपक जलाना चाहिए और उन्हें गुड़ मिश्रित चने का भोग लगाना चाहिए। उपासना करने वाला अपना आसन ऊनी वस्त्र का ही बिछाए और मन में हनुमान जी का ध्यान करे। धीरे-धीरे उपासक स्वयं महसूस करेगा कि उसके शरीर में एक नई चेतना और शक्ति का प्रवेश हो रहा है।

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श्री बजरंग बाण हिंदी में , SHRI BAJRANG BAAN IN HINDI LYRICS

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।। दोहा ।। 
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान ।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करें हनुमान ॥

।। चौपाई ।। 
जय हनुमन्त संत हितकारी । 
सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ।।

जन के काज बिलम्ब न कीजै । 
आतुर दौरि महासुख दीजै ।।

जैसे कूदी सिन्धु महि पारा । 
सुरसा बदन पैठी विस्तारा ।।

आगे जाय लंकिनी रोका । 
मारेहु लात गई सुर लोका ।।

जाय विभीषण को सुख दीन्हा । 
सीता निरखि परम-पद लीना ।।

बाग उजारि सिन्धु मह बोरा । 
अति आतुर जमकातर तोरा ।।

अक्षय कुमार मारि संहारा । 
लूम लपेटि लंक को जारा ।।

लाह समान लंक जरि गई । 
जय-जय धुनि सुरपुर में भई ।।

अब बिलम्ब केहि कारन स्वामी । 
कृपा करहु उर अन्तर्यामी ।।

जय जय लखन प्रान के दाता । 
आतुर होई दु:ख करहु निपाता ।।

जै गिरिधर जै जै सुख सागर । 
सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥

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ओम हनु हनु हनु हनुमंत हठीले । 
बैरिहि मारु बज्र की कीले॥

गदा बज्र लै बैरिहि मारो । 
महाराज प्रभु दास उबारो ।।

ओंकार हुंकार महाप्रभु धाओ । 
बज्र गदा हनु विलम्ब न लाओ ।।

ओम ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा । 
ओम हुं हुं हुं हनु अरि उर-सीसा ।।

सत्य होहु हरी शपथ पायके । 
राम दूत धरु मारू जायके ।।

जय जय जय हनुमन्त अगाधा । 
दुःख पावत जन केहि अपराधा ।।

पूजा जप-तप नेम अचारा । 
नहिं जानत हो दास तुम्हारा ।।

वन उपवन मग गिरि गृह मांहीं । 
तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ।।

पायं परौं कर जोरी मनावौं । 
येहि अवसर अब केहि गोहरावौं ।।

जय अंजनी कुमार बलवंता । 
शंकर सुवन वीर हनुमंता ।।

बदन कराल काल कुलघालक। 
राम सहाय सदा प्रतिपालक ।।

भूत प्रेत पिसाच निसाचर। 
अगिन वैताल काल मारी मर ।।

इन्हें मारु, तोहि शपथ राम की । 
राखउ नाथ मरजाद नाम की ।।

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श्री बजरंग बाण हिंदी में , SHRI BAJRANG BAAN IN HINDI LYRICS
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जनकसुता हरि दास कहावो । 
ताकी शपथ विलम्ब न लावो ।।

जै जै जै धुनि होत अकासा । 
सुमिरत होत दुसह दुःख नासा ।।

चरण शरण कर जोरि मनावौं । 
यहि अवसर अब केहि गोहरावौं ।।

उठु उठु चलु तोहि राम-दोहाई । 
पायँ परौं, कर जोरि मनाई ।।

ओम चं चं चं चं चपल चलंता । 
ओम हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता ।।

ओम हं हं हाँक देत कपि चंचल । 
ओम सं सं सहमि पराने खल-दल ।।

अपने जन को तुरत उबारौ । 
सुमिरत होय आनंद हमारौ ।।

यह बजरंग बाण जेहि मारै। 
ताहि कहो फिर कोन उबारै ।।

पाठ करै बजरंग बाण की । 
हनुमत रक्षा करैं प्रान की ।।

यह बजरंग बाण जो जापैं । 
ताते भूत-प्रेत सब कापैं ।।

धूप देय अरु जपै हमेशा । 
ताके तन नहिं रहै कलेसा ।।

।। दोहा ।।
प्रेम प्रतीतिहि कपि भजै, सदा धरै उर ध्यान ।
तेहि के कारज सकल सुभ, सिद्ध करैं हनुमान ।।
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