।। श्री शिव जी की आरती हिंदी में ।। SHRI SHIVJI KI AARATI IN HINDI LYRICS ।।

।।ॐ नमः शिवाय।।

।। श्री शिव जी की आरती हिंदी में ।। 

।। SHRI SHIV JI KI AARTI IN HINDI LYRICS ।।

श्री शिव जी की आरती हिंदी में , SHRI SHIV JI KI AARTI IN HINDI LYRICS
Image Source - Google | Image By - Pixabay

श्री शिव जी की आरती हिंदी में ।। SHRI SHIV JI KI AARTI IN HINDI LYRICS :- इस समस्त विश्व और ब्रह्माण्ड को बनाने वाले, पालने वाले एवं संहार करने वाले भगवान शिव की महिमा तो वेद-पुराण भी नहीं कर सकते। केवल भगवान शिव ही ऐसे देव हैं, जिन्हें इंसान और दानव दोनो के  ईष्ट देव मन जाता हैं। भगवान शिव की स्तुतियों में शिव चालीसा श्रेष्ठ और कल्याणकारी मानी गई है। श्री शिव चालीसा का पाठ करने व सुनने से घर में सुख, शांति, धन, वैभव, भक्ति और प्रेम की वृद्धि होती है और दुख, दरिद्रता और कष्ट दूर होते है।भगवान शिव अपने भक्तों से जल्द प्रसन्न हो जाते है ।भगवान शंकर की मन से की गई भक्ति से आप मनचाहा वरदान पा सकती है। शिवजी के इसी भोले स्‍वभाव के कारण उन्‍हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। शिव चालीसा का पाठ करने से भगवान शिव अपने किसी भी भक्त से आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें मनचाहा वरदान दे देते हैं। 
हिंदू धर्म में भगवान की सरल भाषा में की जाने वाली प्रार्थना को चालीसा कहा जाता है। चालीसा का पाठ करने से किसी के जीवन में अद्भुत प्रभाव पड़ता है। लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि इसे चालीसा क्‍यों कहा जाता है? इस प्रार्थना को चालीसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें चालीस लाइनें होती हैं। सरल भाषा में होने के कारण इसे आसानी से पढ़ा जा सकता है और आसानी से भगवान को प्रसन्न करने का ये तरीका हिंदू धर्म में बहुत लोकप्रिय माना जाता है। 
भगवान शि‍व की पूजा और शिव चालीसा का पाठ करना बहुत ही शुभ और मंगलकारी माना जाता है। माना जाता है कि सोमवार का व्रत रखने से लड़कियां भगवान शिव की तरह मनचाहा वर पा सकती हैं। इसलिए लड़कियां अच्‍छा वर पाने के लिए सोमवार के दिन व्रत और भगवान शिव की पूजा करती हैं। कहा जाता है कि शिवजी की आराधना करने से मृत्यु का भय भी नहीं सताता और शिव चालीसा का पाठ करने से आपकी हेल्‍थ भी अच्‍छी रहती हैं । शिव चालीसा से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है। शिव चालीसा के पाठ से कठिन से कठिन कार्य को बहुत ही आसानी से किया जा सकता है।  शिव चालीसा पढ़ने से ना केवल शारीरिक बल्कि मानसिक तौर पर भी बल प्राप्त होता है और शिव चलीसा के नियमित रूप से पाठ करने से किसी के जीवन की सभी बाधायें और समस्यायें दूर हो जाती है। भगवान शिव केवल बिल्व पत्र और जल चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते है और सबसे अच्‍छी बात शिव चालीसा को पढ़ने के लिए किसी खास नियम की जरूरत नहीं होती है। सिर्फ श्रद्धा, स्वच्छता का ध्यान रखकर ही चालीसा का पाठ किया जा सकता है। 
शिव चालीसा से व्यक्ति को सारे दुखों से मुक्ति और अपार सुख की प्राप्ति होती है। शिव चालीसा का जाप सभी उम्र के पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा किया जा सकता है। यह छात्रों और बच्चों के लिए भी फायदेमंद है। शिव चालीसा का पाठ करने के लिए सिर्फ आपकी भक्ति और निश्चित रूप से कुछ मिनट की आवश्यकता होती है। भगवान शिव के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए रेगुलर शिव चालीसा का जाप करना चाहिए।

।। श्री शिव जी की आरती हिंदी में ।। SHRI SHIV JI KI AARTI IN HINDI LYRICS ।।

श्री शिव जी की आरती हिंदी में , SHRI SHIV JI KI AARTI IN HINDI LYRICS
Image Source - Google | Image By -शिव साहिल

जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा।।
ॐ जय शिव ओंकारा

एकानन चतुरानन पंचांनन राजे।
हंसासंन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे।।
ॐ जय शिव ओंकारा

दो भुज चार चतुर्भुज दशभुज अति सोहें।
तीनों रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहें।।
ॐ जय शिव ओंकारा

।। श्री शिव जी की आरती हिंदी में ।। SHRI SHIV JI KI AARTI IN HINDI LYRICS ।।

श्री शिव जी की आरती हिंदी में , SHRI SHIV JI KI AARTI IN HINDI LYRICS
Image Source - Google | Image By -  SinghIsKing123
अक्षमाला, वनमाला, रुण्ड़मालाधारी।
चंदन, मृदमग सोहें, भाले शुभधारी।।
ॐ जय शिव ओंकारा

श्वेताम्बर,पीताम्बर, बाघाम्बर अंगें।
सनकादिक, ब्रह्मादिक, भूतादिक संगें।।
ॐ जय शिव ओंकारा

कर के मध्य कमड़ंल चक्र, त्रिशूलधर्ता।
जगकर्ता, जगहर्ता, जग पालनकर्ता।।
ॐ जय शिव ओंकारा

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रवणाक्षर मध्यें ये तीनों ही एका।।
ॐ जय शिव ओंकारा

।। श्री शिव जी की आरती हिंदी में ।। SHRI SHIV JI KI AARTI IN HINDI LYRICS ।।

श्री शिव जी की आरती हिंदी में , SHRI SHIV JI KI AARTI IN HINDI LYRICS
Image Source - Google | Image By - Rishikeshgoudstps
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रम्हचारी।
नित उठी भोग लगावत महिमा अति भारी।।
ॐ जय शिव ओंकारा

त्रिगुण स्वामीजी की आरती जो कोई नर गावें।
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावें।।
ॐ जय शिव ओंकारा

जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा।।
ॐ जय शिव ओंकारा

Post a Comment

0 Comments