।। श्री शिव चालीसा हिंदी में ।। SHRI SHIV CHALISA IN HINDI LYRICS ।।

।। ॐ नमः शिवाय ।।

।। श्री शिव चालीसा हिंदी में ।। 

।। SHRI SHIV CHALISA IN HINDI LYRICS ।।

श्री शिव चालीसा हिंदी में , SHRI SHIV CHALISA IN HINDI LYRICS
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श्री शिव चालीसा हिंदी में ।। SHRI SHIV CHALISA IN HINDI LYRICS :-  इस समस्त विश्व और ब्रह्माण्ड को बनाने वाले, पालने वाले एवं संहार करने वाले भगवान शिव की महिमा तो वेद-पुराण भी नहीं कर सकते। केवल भगवान शिव ही ऐसे देव हैं, जिन्हें इंसान और दानव दोनो के  ईष्ट देव मन जाता हैं। भगवान शिव की स्तुतियों में शिव चालीसा श्रेष्ठ और कल्याणकारी मानी गई है। श्री शिव चालीसा का पाठ करने व सुनने से घर में सुख, शांति, धन, वैभव, भक्ति और प्रेम की वृद्धि होती है और दुख, दरिद्रता और कष्ट दूर होते है।भगवान शिव अपने भक्तों से जल्द प्रसन्न हो जाते है ।भगवान शंकर की मन से की गई भक्ति से आप मनचाहा वरदान पा सकती है। शिवजी के इसी भोले स्‍वभाव के कारण उन्‍हें भोलेनाथ भी कहा जाता है।शिव चालीसा का पाठ करने से भगवान शिव अपने किसी भी भक्त से आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें मनचाहा वरदान दे देते हैं।
हिंदू धर्म में भगवान की सरल भाषा में की जाने वाली प्रार्थना को चालीसा कहा जाता है। चालीसा का पाठ करने से किसी के जीवन में अद्भुत प्रभाव पड़ता है। लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि इसे चालीसा क्‍यों कहा जाता है? इस प्रार्थना को चालीसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें चालीस लाइनें होती हैं। सरल भाषा में होने के कारण इसे आसानी से पढ़ा जा सकता है और आसानी से भगवान को प्रसन्न करने का ये तरीका हिंदू धर्म में बहुत लोकप्रिय माना जाता है। 
भगवान शि‍व की पूजा और शिव चालीसा का पाठ करना बहुत ही शुभ और मंगलकारी माना जाता है। माना जाता है कि सोमवार का व्रत रखने से लड़कियां भगवान शिव की तरह मनचाहा वर पा सकती हैं। इसलिए लड़कियां अच्‍छा वर पाने के लिए सोमवार के दिन व्रत और भगवान शिव की पूजा करती हैं। कहा जाता है कि शिवजी की आराधना करने से मृत्यु का भय भी नहीं सताता और शिव चालीसा का पाठ करने से आपकी हेल्‍थ भी अच्‍छी रहती हैं । शिव चालीसा से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है। शिव चालीसा के पाठ से कठिन से कठिन कार्य को बहुत ही आसानी से किया जा सकता है।  शिव चालीसा पढ़ने से ना केवल शारीरिक बल्कि मानसिक तौर पर भी बल प्राप्त होता है और शिव चलीसा के नियमित रूप से पाठ करने से किसी के जीवन की सभी बाधायें और समस्यायें दूर हो जाती है। भगवान शिव केवल बिल्व पत्र और जल चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते है और सबसे अच्‍छी बात शिव चालीसा को पढ़ने के लिए किसी खास नियम की जरूरत नहीं होती है। सिर्फ श्रद्धा, स्वच्छता का ध्यान रखकर ही चालीसा का पाठ किया जा सकता है। 
शिव चालीसा से व्यक्ति को सारे दुखों से मुक्ति और अपार सुख की प्राप्ति होती है। शिव चालीसा का जाप सभी उम्र के पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा किया जा सकता है। यह छात्रों और बच्चों के लिए भी फायदेमंद है। शिव चालीसा का पाठ करने के लिए सिर्फ आपकी भक्ति और निश्चित रूप से कुछ मिनट की आवश्यकता होती है। भगवान शिव के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए रेगुलर शिव चालीसा का जाप करना चाहिए।

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श्री शिव चालीसा हिंदी में , SHRI SHIV CHALISA IN HINDI LYRICS
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।।दोहा।।
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। 
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥

।।चौपाई।।
जय गिरिजा पति दीन दयाला। 
सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। 
कानन कुण्डल नागफनी के॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। 
मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। 
छवि को देखि नाग मन मोहे॥

मैना मातु की हवे दुलारी। 
बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। 
करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। 
सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ। 
या छवि को कहि जात न काऊ॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। 
तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

किया उपद्रव तारक भारी। 
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

तुरत षडानन आप पठायउ। 
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

आप जलंधर असुर संहारा। 
सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

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श्री शिव चालीसा हिंदी में , SHRI SHIV CHALISA IN HINDI LYRICS
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त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। 
सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

किया तपहिं भागीरथ भारी। 
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। 
सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

वेद माहि महिमा तुम गाई। 
अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। 
जरत सुरासुर भए विहाला॥

कीन्ही दया तहं करी सहाई। 
नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। 
जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

सहस कमल में हो रहे धारी। 
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। 
कमल नयन पूजन चहं सोई॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। 
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

जय जय जय अनन्त अविनाशी। 
करत कृपा सब के घटवासी॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। 
भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। 
येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। 
संकट ते मोहि आन उबारो॥

मात-पिता भ्राता सब होई। 
संकट में पूछत नहिं कोई॥

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श्री शिव चालीसा हिंदी में , SHRI SHIV CHALISA IN HINDI LYRICS
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स्वामी एक है आस तुम्हारी। 
आय हरहु मम संकट भारी॥

धन निर्धन को देत सदा हीं। 
जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। 
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

शंकर हो संकट के नाशन। 
मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। 
शारद नारद शीश नवावैं॥

नमो नमो जय नमः शिवाय। 
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

जो यह पाठ करे मन लाई। 
ता पर होत है शम्भु सहाई॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। 
पाठ करे सो पावन हारी॥

पुत्र हीन कर इच्छा जोई। 
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। 
ध्यान पूर्वक होम करावे॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। 
ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। 
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। 
अन्त धाम शिवपुर में पावे॥

अयोध्यादास आस कहैं तुम्हारी। 
जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

।।दोहा।।
नित्त नेम उठि प्रातः ही, पाठ करो चालीसा। 
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान। 
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

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