।। संकटमोचन हनुमानाष्टक हिंदी में ।। SANKATMOCHAN HANUMAN AASHTAK IN HINDI LYRICS ।।

।। जय श्रीराम ।।

।। संकटमोचन हनुमानाष्टक हिंदी में ।।

।। SANKATMOCHAN HANUMAN AASHTAK IN HINDI LYRICS ।।

संकटमोचन हनुमानाष्टक हिंदी में , SANKATMOCHAN HANUMAN AASHTAK IN HINDI LYRICS
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।। संकटमोचन हनुमानाष्टक हिंदी में ।। SANKATMOCHAN HANUMAN AASHTAK IN HINDI LYRICS :-  संकटमोचन हनुमानाष्टक तुलसीदास जी द्वारा लिखा गया है, जो भगवान हनुमान के बहुत बड़े भक्त थे। ऐसा माना जाता है कि संकटमोचन हनुमानाष्टक  का पाठ करने से आपके जीवन में सभी बाधायें दूर होती हैं यदि आप पूरी श्रद्धा से इसका रोजाना जप करते हैं। आमतौर पर लोग इसे हनुमान चालीसा के बाद पढ़ते हैं। इसे हनुमानाष्टक इसलिए कहा जाता है - क्योंकि इसमें 8 श्लोक हैं और अष्टक का अर्थ है 8। इसकी अंतिम पंक्ति - "बेगी हारो हनुमान महाप्रभु जो कछु संकते हो हमरो" का अर्थ है, हे भगवान हनुमान, कृपया हमारे जीवन से सभी बाधाओं को दूर करें।
हनुमान जी को बल, बुद्धि, विद्या का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान हनुमान आपके जीवन में होने वाले संकट और खतरों से बचाते है, इसलिए उन्हें संकटमोचन कहा गया है। जब व्यक्ति सभी तरफ से संकटों और परेशानियों से घिरा होता है तो उनसे निकलने के लिए संकटमोचन हनुमान जी की साधना सबसे सहायक सिद्ध होती है। जीवन में जितना भी कठिन समय चल रहा हो संकटमोचन हनुमानाष्टक  का पाठ रामबाण जैसा काम करता है।
अष्ट सिद्धि और नव निधियों के दाता हनुमान जी अपनी बाल अवस्था में बहुत ही शरारती थे। उन्हें बचपन में श्राप मिला था की वह अपनी सारी शक्तियों को भूल जाएंगे, किसी दूसरे के याद करवाने पर ही उन्हें अपनी शक्तियां याद आएंगी। संकटमोचन हनुमानाष्टक  के माध्यम से भक्त हनुमान जी को उनकी शक्तियों का स्मरण करवाते हैं और उनसे अपनी समस्याओं को खत्म करने के लिए प्रार्थना करते हैं।
कई परिवारों में कलह या लड़ाई झगड़े की स्थिति बनी रहती है, गृह कलेश को दूर करने के लिए संकटमोचन हनुमानाष्टक  का पाठ फलदायी है, इससे परिवार में शांति एवं खुशहाली आती है।
इसके अतिरिक्त व्यापर में सफलता प्राप्त होती है।बजरंगबली ने शनि महाराज को कष्टों से मुक्त कराया था और उनकी रक्षा की थी इसलिए शनि देवता ने यह वचन दिया था कि हनुमानजी कि उपासना करने वालों को वे कभी कष्ट नहीं देंगे इसलिए संकटमोचन हनुमानाष्टक  का उच्चारण शनि देव को प्रसन्न करने और साढ़ेसाती काल के प्रभाव को कम करने के लिए किया जाता है। 
श्री हनुमानजी को भगवान शिव का अवतार माना जाता है जिस कारण हनुमानजी कल्याणकारी शक्तियों के स्वामी भी हैं। इसलिए हनुमानजी की आराधना से हर व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति मिलती है। यही नहीं कालों के काल महाकाल का  रौद्ररूप होने के कारण श्री हनुमानजी आपके जीवन मे अचानक आए बुरे वक्त से रक्षा करते है और प्रस्तिथियों को आपके अनुकूल भी कर देते हैं। यही कारण है कि हर संकट को दूर करने के लिए हनुमानजी की  उपासना का विशेष महत्व है।
संकटमोचन हनुमानाष्टक  एक ऐसा पाठ है, जिसमें हनुमान की शक्तियों और गुणों का भाव भरा स्मरण और गुणगान है, जिससे ग्रहदोष शांति भी होती है।हनुमान जी को कलियुग का स्वामी कहा जाता है क्योंकि हनुमान जी आज भी धरती पर निवास करते है इसलिए जो भी साधक हनुमान जी का ध्यान करता है, उसके आस पास से नकरात्मक शक्तियां भाग जाती है।
अगर आप हनुमान जी को प्रसन्न करना चाहते है। जिससे आपके ऊपर हनुमान जी की कृपा बनी रहे। तो हनुमान जी की सबसे असरदार स्तुति - संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ करें। संकटमोचन हनुमानाष्टक  का पाठ अगर संभव हो तो   रोज सुबह और शाम करना चाहिए या फिर हर मंगलवार, शनिवार, हनुमान जयंती या आप किसी संकट या मुसीबत में हो तो संकटमोचन हनुमानाष्टक  का पाठ अवश्य करे। श्री हनुमानजी को सिंदूर, लाल फूल चढ़ाये और चना-गुड़ का भोग लगाने के बाद पहले हनुमान चालीसा पढ़े और फिर संकटमोचन हनुमानाष्टक  पाठ करें और हनुमान आरती करें।

।। संकटमोचन हनुमानाष्टक हिंदी में ।।SANKATMOCHAN HANUMAN AASHTAK IN HINDI LYRICS ।।

संकटमोचन हनुमानाष्टक हिंदी में , SANKATMOCHAN HANUMAN AASHTAK IN HINDI LYRICS

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बाल समय बाल समय रवि भक्षी लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों ।
ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो ।।
देवन आनि करी बिनती तब, छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ।
।। को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ।।1।।

बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारो ।
चौंकि महामुनि साप दियो तब, चाहिए कौन बिचार बिचारो ।।
कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के सोक निवारो ।
।। को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ।।2।।

अंगद के संग लेन गए सिय, खोज कपीस यह बैन उचारो ।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु, बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ।।
हेरी थके तट सिन्धु सबे तब, लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ।
।। को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ।।3।।

।। संकटमोचन हनुमानाष्टक हिंदी में ।।SANKATMOCHAN HANUMAN AASHTAK IN HINDI LYRICS ।।

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रावण त्रास दई सिय को सब, राक्षसी सों कही सोक निवारो ।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु, जाए महा रजनीचर मरो ।।
चाहत सीय असोक सों आगि सु, दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ।
।। को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ।।4।।

बान लाग्यो उर लछिमन के तब, प्राण तजे सूत रावन मारो ।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत, तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ।।
आनि सजीवन हाथ दिए तब, लछिमन के तुम प्रान उबारो ।
।। को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ।।5।।

रावन जुध अजान कियो तब, नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल, मोह भयो यह संकट भारो ।।
आनि खगेस तबै हनुमान जु, बंधन काटि सुत्रास निवारो ।
।। को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ।।6।।

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संकटमोचन हनुमानाष्टक हिंदी में , SANKATMOCHAN HANUMAN AASHTAK IN HINDI LYRICS
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बंधू समेत जबै अहिरावन, लै रघुनाथ पताल सिधारो ।
देबिन्हीं पूजि भलि विधि सों बलि, देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो ।।
जाये सहाए भयो तब ही, अहिरावन सैन्य समेत संहारो ।
।। को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ।।7।।

काज किये बड़ देवन के तुम, बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।
कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुमसे नहिं जात है टारो ।।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु, जो कछु संकट होए हमारो ।
।। को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ।।8।।
।।दोहा।।
लाल देह लाली लसे , अरु धरि लाल लंगूर ।
वज्र देह दानव दलन , जय जय जय कपि सूर ।।

॥ इति संकटमोचन हनुमानाष्टक सम्पूर्ण ॥

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